यादों की राह
वो लौटेगी- बर्बाद मैं यहाँ हूँ, आबाद तुम कहाँ हो?
बर्बाद मैं यहाँ हूँ, आबाद तुम कहाँ हो?
तेरी यादों में खोया, मेरा मन वहाँ हो।
तेरे बिना लगे सूनापन, हर राह सुनसान,
एक दिन तुम लौटोगी, फिर होगा दिल का जहाँ।
बर्बाद मैं यहाँ, तन्हा सी राह,
आबाद तुम कहाँ, मेरी प्यारी साथ?
तेरे बिना दिन हैं जैसे अधूरे साये,
तेरी मुस्कान के बिना, फूल भी लगते फीके।
बर्बाद की हवा में, यादें तेरी छायी,
आबाद तुम कहाँ, मेरी ख्वाहिशों में आई?
फिर भी दिल ये मानता है, दूरी भी है प्यारी,
एक दिन तुम लौटोगी, और रंग लाएगी सारी।
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